tag:blogger.com,1999:blog-7865663491365892890.post6148949539326041782..comments2023-04-05T21:39:07.062+05:30Comments on शमे-अदब Sham-e-adab شمع-ادب: अ. सलाम फ़रीदीशाहिद मिर्ज़ा ''शाहिद''http://www.blogger.com/profile/09169582610976061788noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-7865663491365892890.post-71180316615579811902010-11-14T00:08:12.367+05:302010-11-14T00:08:12.367+05:30फिर मेरी चश्मे-शौक़ की ताक़त को आज़मा
ऐ बरक़े-तूर फिर ...फिर मेरी चश्मे-शौक़ की ताक़त को आज़मा<br />ऐ बरक़े-तूर फिर वही जलवा दिखा मुझे<br /><br /><br />इंसान जिसमें देख ले खुद अपनी असलियत<br />मिलता नहीं है ऐसा कोई आईना मुझे<br />फरीदी साहब, इन दो अश'आर को पढ़ कर न जाने क्यूँ ऐसा लग रहा है कि आप तरन्नुम के भी बादशाह होंगे। साफ़ दिख रहा है कि ये कलाम जिस शाइर का है उसने बाकायदा तालीम हासिल की है ग़ज़ल कहने की। <br />दिली मुबारकबाद।तिलक राज कपूरhttps://www.blogger.com/profile/03900942218081084081noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7865663491365892890.post-82594807767598025702010-09-26T22:49:15.170+05:302010-09-26T22:49:15.170+05:30क्या आप भारतीय ब्लॉग संकलक हमारीवाणी के सदस्य हैं?...क्या आप भारतीय ब्लॉग संकलक <a href="http://hamarivani.com" rel="nofollow">हमारीवाणी</a> के सदस्य हैं?<br /><br /><b><a href="http://hamarivani.com/news_details.php?news=25" rel="nofollow">हमारीवाणी पर ब्लॉग पंजीकृत करने की विधि</a></b>हमारीवाणीhttps://www.blogger.com/profile/02677178735599301399noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7865663491365892890.post-30968017477636082112010-09-21T06:47:03.465+05:302010-09-21T06:47:03.465+05:30बहुत अच्छी प्रस्तुति।बहुत अच्छी प्रस्तुति।हास्यफुहारhttps://www.blogger.com/profile/14559166253764445534noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7865663491365892890.post-15581837474868640062010-09-20T22:50:38.553+05:302010-09-20T22:50:38.553+05:30बहुत उम्दा ग़ज़ल,खूब सूरत कलाम .......
इंसान जिसम...बहुत उम्दा ग़ज़ल,खूब सूरत कलाम .......<br /><br />इंसान जिसमें देख ले खुद अपनी असलियत<br />मिलता नहीं है ऐसा कोई आईना मुझे<br /><br />सभी शेर कमाल के !<br />दाद कुबूल फरमाएं!अरुण अवधhttps://www.blogger.com/profile/15693359284485982502noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7865663491365892890.post-11531754801118265522010-09-20T10:42:15.186+05:302010-09-20T10:42:15.186+05:30इंसान जिसमें देख ले खुद अपनी असलियत
मिलता नहीं है ...इंसान जिसमें देख ले खुद अपनी असलियत<br />मिलता नहीं है ऐसा कोई आईना मुझे<br /><br />बेहतरीन...सलाम साहब को हमारा सलाम...आप उनका कलाम और पढ़वायें...कमाल का लिखते हैं सलाम साहब...हर शेर दाद का हकदार है...शुक्रिया आपका उनकी ये गज़ल हम तक पहुँचाने के लिए...<br /><br />नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7865663491365892890.post-83149113789192342502010-09-20T00:51:08.710+05:302010-09-20T00:51:08.710+05:30इंसान जिसमें देख ले खुद अपनी असलियत
मिलता नहीं है ...इंसान जिसमें देख ले खुद अपनी असलियत<br />मिलता नहीं है ऐसा कोई आईना मुझे<br /><br /><br />मेरी शिकस्त का यही नासेह बना सबब<br />दुश्मन से मिलके दोस्त ने दी है दग़ा मुझे<br /><br />उम्दा ग़ज़ल !खूबसूरत अदायगीइस्मत ज़ैदीhttps://www.blogger.com/profile/09223313612717175832noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7865663491365892890.post-15547182405629183422010-09-19T23:04:41.959+05:302010-09-19T23:04:41.959+05:30मेरी शिकस्त का यही नासेह बना सबब
दुश्मन से मिलके द...मेरी शिकस्त का यही नासेह बना सबब<br />दुश्मन से मिलके दोस्त ने दी है दग़ा मुझे<br /><br />मैं ज़िन्दगी के कर्ब से घबराया जब कभी<br />यादों ने तेरी बढ़के सहारा दिया मुझे<br /><br />बहुत खूब, बेहतरीन रचना<br /><br />http://veenakesur.blogspot.com/वीना श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09586067958061417939noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7865663491365892890.post-57938638681647472122010-09-19T22:45:54.183+05:302010-09-19T22:45:54.183+05:30इंसान जिसमें देख ले खुद अपनी असलियत
मिलता नहीं है ...इंसान जिसमें देख ले खुद अपनी असलियत<br />मिलता नहीं है ऐसा कोई आईना मुझे<br />..वाह! आइने सच नहीं बोल पाते क्योंकि हम उन्हें अपनी नज़र से देखते हैं।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7865663491365892890.post-52676094536779845532010-09-19T22:14:45.411+05:302010-09-19T22:14:45.411+05:30बेहतरीन....हर शेर बराबर दाद पाने की कुव्वत रखता है...बेहतरीन....हर शेर बराबर दाद पाने की कुव्वत रखता है| फिर भी जो अशआर अंदर तक उतर गए <br /><br />फिर मेरी चश्मे-शौक़ की ताक़त को आज़मा<br />ऐ बरक़े-तूर फिर वही जलवा दिखा मुझे<br />वाह!!<br />ममनून यूं फ़रीदी मैं अपनी अना का हूं<br />हर वक़्त देती रहती है दर्शे-ग़िना मुझे<br />क्या बात है!!!<br /><br /><a href="http://www.rp-sara.blogspot.com" rel="nofollow">ब्रह्माण्ड</a>राणा प्रताप सिंह (Rana Pratap Singh)https://www.blogger.com/profile/17152336988382481047noreply@blogger.com